भ्रष्टाचार रहित भारत : कुछ भयानक भूले II

भ्रस्टाचार अभी भी 'गरम माल' है बाज़ार में.  अभी भी हमारे समाचार पत्र इस 'चीज़' को महत्व दे रहे है. अभी भी हम इस 'चीज़' की बात कर रहे है. पर ठहरी तो 'चीज़' ही न कब तक याद रहेगी. हलाकि लोग शुरू कर दिए की हम इसके अलावा भी कुछ सोचना शुरू कर दिए है. बहन मायावती ने कहा की लोकपाल बिधेयक को  बनाने वाली समिति में कोई अनुसूचित जाती का कोई क्यों नहीं है ??  सबसे बड़ी बात है की इस देश के महान राजनितिक  दल के कुछ महान नेताओ ने उनका समर्थन  भी शुरू कर दिया है (नहीं भाई ये सेकुलर लोग है बस देश की प्रगति के लिए काम करते है )कितनी मेहनत करती है बहन जी. समिति अभी बनी नहीं की दीदी जाति की पूरी पोथी ही बना रखी है. काश की उत्तर प्रदेश के विकाश के लिए भी इतनी तत्पर रहती तो शायद उत्तर प्रदेश वालो के दिन फिर जाते. पर प्रश्न ये है की क्या बहन जी ही इतनी जाति के पीछे पड़ी रहती है ?  अभी कुछ दिनों पहले  महिलाओ के आरक्षण की बात जब आयी तब सब ठीक चल रहा था पर अचानक कुछ लोगो के पेट में समस्या होने लग. फिर उसमे से निकला पिछाड़ी जाति की महिलाओ के आरक्षण का जिन्ना. फिर उसके बाद जो हुआ इतिहास है. छतिशगढ़  में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल पर हमला हुआ. मरने वाले जवानों के नाम आया पर सबसे अजीब बात थी की ये मरनेवाले जवानो में ४२ उत्तर प्रदेश के थे ये बात भी साथ साथ आये . ये सित्फ़ हमारे देश में ही हो सकता है शहीद अब देश के नहीं राज्य के होने लगे है . अब कुछ दिनों में उनकी जाति और धरम की भी लिस्ट आएगी . और हम घमंड करेंगे की हमारी जाति का है या धर्मं है या राज्य का है . और सबसे बड़ा डर है की कही इसमें भी लोग आरक्षण न मागने लगे. हमारे महान प्रजातंत्र के महान संसद के महान नेताओ ने जाति के अनुसार जनगनना की अनुमति दे दी . इतने दिन तक मुझे ख्याल भी न आया की अन्ना हजारे पिछाड़ी जाति के है. ये हमारे देश में ही संभव है की हम किसी की भी जाति धरम या पूरी कुंडली निकाल के रख सकते बिना उसके गुण का बिचार किये हुए. सबसे अछी बात ही की इन सब के होने के बावजूद हम सेकुलर हम. हम जाति धरम से ऊपर वाले लोग है. अगर सभी ऐसे है तो हम क्या सिर्फ बहन जी को दोष देना उचित होगा??    

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