Main chamaron ki gali tak le chaloonga aapko : Adam Gondvi


 ‘‘ मैंने अदब से हाथ उठाया सलाम को, समझा उन्होंने इससे है खतरा निजाम को। 
    चोरी न करें, झूठ न बोलें तो क्या करें, चूल्हे पे क्या उसूल पकायेंगें शाम को।’’
अदम गोंडवी





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